Bhartiya Rastra Bhakt Sena is committed towards the upliftment of India
as a Nation, Society & its culture. Its not an Organization obsessed with
any Individual, Caste, Creed or Sect. It’s rather an Organization working
in favor of this country, & its general welfare. It’s the Mouth Piece of our
countrymen at large.
The Appeal of BRBS to all Indians is “Listen to your conscience… No one has
the power to suppress it!!!”
The Issues that plague this country today, and for which the conscience of
Each Indian is looking for answers are: -
1) How can we eradicate Corruption from its roots
2) How to enact strict laws for Corrupt people at all levels
3) How to spread awareness & muster support for the ‘Jan Lokpal Bill’
INTERNAL & EXTERNAL SAFTY & SECURITY
1) To organize Seminars on evaluation & solutions of Terrorism,
Nexalite movement & other issues of national security.
2) To Organize workshops to teach Self- Defense to public at large
3) To make all aware on how to relay information about anti – social
activities to the right platform.
NATIONAL PRIDE
1) To Instill a sense of National pride in all
2) To oppose anyone who bad mouths about our Nation
3) To work insistently towards uplifting the Pride of our Nation
RESPECT TO OUR NATIONAL ANTHEM
Our National Anthem is a symbol of our Nation, our ancestors & the
generations to come. We have respect for it from the bottom of our heart
& soul. Our National Anthem keeps us grounded with our culture. Hence,
It’s the prime responsibility of all Indians to respect it. We all stand up
with chests swollen, in homage, whenever we hear our melodious National
Anthem – be it an ordinary day or Independence Day… Be it at Lal Kila or
our own house.
Jana Gana Man Adinayak Jai Hai, Bharat Bhagya Vidhata!!!
Panjab, SINDH, Gujrat, Maratha, Dravid, Utkal Banga…
This is not a mere poetry… It’s rather the voice of this nation, which comes
from within & makes flabbergasted with emotions. We pledge on “Unity
in Diversity” & salute the various States in respect despite their varied
cultures, customs, languages & attire. But, in the bargain, Obliviously
though, we end up saluting SIND which is not a part of India anymore.
Today, it’s in the territory of Pakistan … A country that has become a
synonym of Terrorism all across the Globe. Don’t you think while doing so
we demean the efforts & sacrifices of our martyrs & soldiers??? Don’t you
think we glamorize the motherland of Kasab??? Why don’t we then include
this state into our own country??? So that, we don’t need to alter our
National Anthem, as also don’t feel belittled while singing it!!! The State of
SINDH can be made a part of India, on the same lines as that of Jharkhand,
Uttrakhand, Chuteesgarh and other small states
NATION EMPOWERMENT
1)It’s in our own interest that we spread the awareness of
Empowerment
2) Instill “Unity in Diversity”
SOCIAL EMPOWERMENT
1) Popularize Unity & Integrity in Society
2) Provide a Niche spot to each and every Society & also get them
Resources
3) To rise up beyond hypocrisy & spread the sprit of Humanity
INDIVIDUAL EMPOVERMENT
1) A Healthy mind resides in a Healthy body & healthy people make a
healthy Society… Keeping this in mind, all must be made aware
on this issue.
2) All must be made aware of their Individual, Constitutional, moral,
Social & legal Rights.
3) Each & Every Individual must be made aware about thrie Rights &
Duties.
And, the list does not end here… as our Objective is YOU!!! All your
Problems are our Problems!!! So, You tell us your Problem & we will take
the onus on ourselves to help you!!! Always…
भारतीय राष्ट्र भक्त सेना, देश, समाज, संस्कृति, को स्वर्णिम बनाने के लिये तत्पर है थी और रहेगी। यह किसी व्यक्ति विशेष के लिये नहीं, किसी खास जाति वर्ग के लिये नहीं, बल्कि देश के लिये, देश के हित में, देश वासियों के आवाज का प्रतीक है।
भारतीय राष्ट्र भक्त सेना का ध्येय है, आपके अन्दर की आवाज को ललकार बनाना, जिसको अनसुना करने कि ताकत किसी मे ना हो।
भ्रष्टाचार-
- भारत से भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाया जाये
- भ्रष्टाचारियों के लिये सख्त कानुन बनाया जाये
- भ्रष्टाचार उन्मुलन अभियान के लिये जनता को जागरूक किया जाये
वाह्य और आंतरिक सुरक्षा
- आतंकवाद, नक्सलीवाद के उन्मुलन के लिये सेमिनार लगाये जायें
- जनता को आत्मसुरक्षा वर्क शॉप मुहैया करायी जाये
- असामाजिक गतिविधियों की जानकारी के लिये जनता को जागरूक बनाना
राष्ट्र सम्मान
- अपने देश का सम्मान करना
- कोई भी ऐसी बात जिससे हमारे राष्ट्र गौरव मे आक्षेप आता हो उस का विरोध करना
- राष्ट्र के गौरव को बनाने के लिये भरसक कार्यरत रहना
राष्ट्रगान हमारे देश का, हमारा, हमारे पूर्वजों का और हमारी भावी पीढ़ी के मान सम्मान का प्रतीक है| हमारे रग रग में इसके प्रति श्रद्धा और सम्मान का भाव भरा हुआ है| राष्ट्रगान हमें हमारे संस्कारों से जोड़ कर रखता है| इसका सम्मान प्रत्येक भारतीय का परम कर्तव्य है | कभी भी कहीं भी किसी भी वक्त जब हमारे कानों में राष्ट्रगान की मधुर तान सुनाई देती है हम इसके सम्मान में खड़े हो जाते हैं| चाहें कोई एक साधारण दिन हो या फिर स्वतंत्रता दिवस, लाल किला हो या फिर हमारा अपना घर किसी भी स्थिति में हम अपने राष्ट्रगान के प्रति अपना सम्मान दिखाने के लिए फक्र से सीना तान कर तुरंत खड़े होकर सलामी देते है|
जनगणमन अधिनायक जय हे भारत भाग्य विधाता
पंजाब सिंध गुजरात मराठा, द्राविड उत्कल बंगा...
ये एक आम कविता की पंक्ति नहीं बल्कि हमारे देश की आवाज है, जो हमें अंदर से आविर्भूत करके रख देती है| हम अनेकता में एकता को दर्शाते हुए हरेक राज्य को सलाम करते हुए अपने देश के प्रति अपना सम्मान प्रकट करते हैं| लेकिन जाने अनजाने में हम सिंध प्रदेश का भी सम्मान करते है| माना की कभी सिंध प्रदेश हमारे ही देश के अंतर्गत आता था पर आज तो वो हमारे देश का हिस्सा नहीं है| आज तो वो उस देश "पाकिस्तान" का हिस्सा है जो सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में आतंकवाद का पर्याय बन चुका है| ऐसे स्थान को राष्ट्रगान के साथ सलामी देते वक्त क्या आपको ऐसा नहीं लगता कि हम अपने अमर जवान शहीदों के साथ ज्यादती कर रहें हैं| राष्ट्रगान का अनादर करना हमारा मकसद नहीं परन्तु कसाब की जन्म भूमि (सिंध पाकिस्तान) को सलामी देना ज़रूर मन को कचोटता है| क्यों ना सिंध प्रदेश नाम का प्रदेश हमारे देश में भी निर्मित कर दिया जाये ताकि राष्ट्रगान का सम्मान भी बना रहे और हमारा आत्म स्वाभिमान भी बना रहे| सिंध प्रदेश नामक राज्य का गठन उसी आधार पर किया जाए जिस आधार पर उत्तराखंड, झारखंड, छत्तीसगढ़, आदि छोटे राज्यों का गठन किया गया था|
राष्ट्रीय सशक्तिकरण
- राष्ट्र हित हम सबके सशक्तिकरण मे है ये जागरूकता फैलाना
- अनेकता मे एकता को संस्थापित करना
सामाजिक सशक्तिकरण
- समाज की एकता और अखंडता को प्रसारित करना
- प्रत्येक समाज को उसका उचित स्थान एवम संसाधन दिलवाने अग्रसित होना
- समाजिक रूढिवादिता से ऊपर इंसानियत के लिये जागरूकता फैलाना
व्यक्तिगत सशक्तिकरण
- स्वस्थ मानसिकता से, स्वस्थ व्यक्ति और स्वस्थ व्यक्ति से स्वस्थ समाज बनता है, इस बात का ख्याल रखते हुए, प्रत्येक व्यक्ति को जागरूक बनाना
- प्रत्येक व्यक्ति के मौलिक, संवैधानिक, नैतिक, सामाजिक कर्तव्य और कानुन की जागरूकता फैलाना
- प्रत्येक व्यक्ति के अधिकारों की जागरूकता फैलाना
और अभी अन्त नहीं होता हमारा उद्देश्य आप हैं.. और आप से निहीत हरेक समस्या हमारी समस्या है... आप हमें बतायें अपनी समस्या उसे हम हमारी समस्या बनाकर आपके मदद के लिये प्रयासरत रहेंगे
जयहिंद